Anam

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कबीर दास जी के दोहे



अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।।

अर्थ :

न तो अधिक बोलना अच्छा है, न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है। जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है। 

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